Sagar. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के सागर में बहुचर्चित सर्राफा व्यापारी मुन्ना लाल जैन (Munna Lal Jain) के अपहरण और हत्या मामले की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है। 12 जून के लगभग हुई इस घटना ने सभी को हिलाकर रख दिया था। खासकर जैन समाज(Jain Samaj) में इस घटना को लेकर काफी आक्रोश था। जनता के भारी दबाव के बाद पुलिस ने करोड़ों रुपयों की लूट(loot of crores of rupees) के मामले का पूरा खुलासा कर दिया है। पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार करते हुए उनसे एक करोड़ रुपये के सोने-चांदी के जेवर और नगद(gold and silver jewelery and cash) रुपये बरामद किए हैं। इनमें 30 लाख रुपये नगद(30 lakhs cash) बरामद हुए हैं। आरोपी क्राइम ब्रांच का अधिकारी(crime branch officer) बन अपहरण कर सोने-चांदी के जेवर(gold and silver jewelery) ले गए थे और बाद में हत्या कर लाश को जला दिया था।
दो राज्यों में चली छापेमारी
इसके बाद सर्राफा व्यापारी की लाश क्षत-विक्षत अवस्था में मिली थी। हत्या के आरोपियों की गिरफ्तारी(arrest of accused) की मांग को लेकर नाराज जैन समाज ने ज्ञापन भी दिया था। सागर जोन के आईजी अनुराग और एसपी तरुण नायक(IG Anurag and SP Tarun Nayak) ने मीडिया के सामने पूरा खुलासा किया। पुलिस ने दो राज्यों के 10 जिलों में छापेमारी कर हत्यारों को वारदात के पांच दिनों के भीतर ढूंढ निकाला। इनसे लूट का नगदी 30 लाख 79 हजार रुपये, 400 ग्राम सोना, 50 किलो ग्राम चांदी के जेवर बरामद किए। इसकी कुल कीमत एक करोड़ रुपये से अधिक है।
राहतगढ़ में मिली थी अधजली लाश
सागर जोन के आईजी अनुराग ने बताया कि 12 जून को जिले के जरुआखेड़ा के सर्राफा व्यापारी मुन्ना लाल जैन(vyaapaaree munna laal jain) का कुछ लोगों ने नकली क्राइम ब्रांच का अधिकारी बन अपहरण कर लिया था और दुकान से सोने-चांदी के जेवरात के साथ-साथ नगदी राशि लूट कर ले गये थे। इसके दूसरे दिन मुन्ना का पता नहीं चलने पर घटना सामने आई, जिसमें सोने-चांदी के जेवर और नगदी रुपये गायब थे। फिर दो दिन बाद राहतगढ़ के सीहीरा क्षेत्र में एक अधजली लाश मिली, जिसकी शिनाख्त मुन्ना लाल जैन के रूप में हुई। पुलिस मुन्ना के अपहरण होने के बाद से ही वारदात के आरोपियों की तलाश में लगी थी।
ऐसे मिला सुराग
आईजी के अनुसार सीसीटीवी कैमरों और साइबर सेल की टीम की मदद से उनका सुराग मिला। साइबर सेल से मोबाइल फोन की ट्रेसिंग में कुछ नम्बर सामने आए, जिनके आधार पर आरोपियों की तलाश हुई। इसमें ज्यादातर भोपाल के आरोपी थे, लेकिन उनका निवास दूसरे जिलों में था। भोपाल में अलग-अलग तरह के काम-धन्धों में लगे रहते थे। सभी ने योजनाबद्ध तरीके से रेकी कर पूरी वारदात को अंजाम दिया। इसमें दो आरोपी सागर जिले के खुरई और बीना से थे, जिन्होंने सर्राफा व्यापारी को करोड़ों का आसामी बताकर रेकी की थी.
चार आरोपियों ने दिया वारदात को अंजाम
पुलिस जांच के दौरान आए साक्ष्य और मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने अतुल वर्मा, रूपेश शिरोडे, गौरव त्रिवेदी, देवराज गुर्जर को गिरफ्तार किया। आरोपियों से पूछताछ में बताया कि उन्होंने पूर्व से परिचित आरोपी धर्मेन्द्र और आकाश राय के साथ मिलकर मुन्ना लाल जैन की कुछ समय पहले रेकी की थी। रेकी के बाद आरोपी भोपाल से डस्टर गाड़ी की नम्बर प्लेट बदलकर रात में मुन्ना का अपहरण कर जरुआखेड़ा से जंगल में ले गए। उससे सम्पत्ति की जानकारी लेकर दुबारा आकर सर्राफा व्यापारी की दुकान से नगदी, सोना-चांदी के जेवरात लूट कर उसको साथ गाड़ी में ले गए।
एक आरोपी अभी भी फरार
खुद की पहचान खुल जाने के डर से मुन्ना को नशीला पाउडर कोल्ड ड्रिंक में पिलाकर बेहोश कर दिया। फिर रस्सी से गला दबाकर उसकी हत्या कर दी। इसके बाद लाश को छिपाने का प्रयास किया गया। सफलता न मिलने पर मुन्ना के शव पर पेट्रोल डालकर उसे जला दिया और साक्ष्य को मिटाने का प्रयास किया। इसके बाद आरोपी भोपाल भाग गए। पुलिस के मुताबिक मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के 10 जिलों में इन आरोपियों को तलाश कर गिरफ्तार किया गया है। अभी पांच आरोपी गिरफ्तार हुए हैं. एक फरार है. इन आरोपियों का पुलिस रिकॉर्ड भी खंगाला जा रहा है। इसके साथ ही 5 दिन की पुलिस रिमांड लेकर पूछताछ की जाएगी, जिसमें दूसरे वारदातों का खुलासा होगा।
ये रहे वारदात में शामिल
- अतुल वर्मा, पिता हीरालाल वर्मा(28),रीवा